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याद महफिल हमको पोषण संरक्षण अस्तित्व पर भारी संकेतों से आभास सामूहिक तैयारी बढ़ रहा ताप विषैली वायु-नीर-धरा भूल है हमारी बचपन जीना अब राख खाक खामोश वो हमको खाक करने आये थे वो हमको राख करके चलें गए प्रकृति

Hindi प्रकृति हमको चेताती Poems